शिवम् सिकरवार आगरा: आगरा स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए माननीय अनुज कुमार सिंह ने हिमाचल प्रदेश के मंडी क्षेत्र से भाजपा सांसद एवं फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत को अपना पक्ष रखने के लिए एक और मौका देते हुए कंगना के दोनों पतों पर उन्हें नोटिस भेजे हैं।
कोर्ट ने भेजे गए नोटिस में कहा है कि वादी रमाशंकर शर्मा एडवोकेट द्वारा उपरोक्त वाद आपके विरुद्ध प्रस्तुत किया गया है । उक्त वाद में संज्ञान से पूर्व आपको सुना जाना है तथा पूर्व में आपको नोटिस भेजे गए थे कि आपको दिनांक 28/11 /2024 को न्यायालय में या तो व्यक्तित्व रूप से या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखने हेतु निर्देशित किया गया था।
परंतु ना तो आप न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुईं और ना हीं आपकी ओर से कोई अधिवक्ता प्रस्तुत हुए। अतः आपको पुनः निर्देशित किया जाता है कि आपको उक्त वाद के संदर्भ में अपना पक्ष रखना है या सुनवाई कराना है। तो दिनांक 12 दिसंबर 2024 को समय प्रातः 10:00 बजे न्यायालय में आप व्यक्तिगत रूप से या अधिवक्ता के माध्यम से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना सुनिश्चित करें।
कोर्ट ने यह भी कहा है कि यदि आप निर्धारित समय व तिथि को न्यायालय के समक्ष उपस्थित नहीं होती हैं या अपना पक्ष नहीं रखतीं हैं तो उक्त वाद की कार्रवाई नियमानुसार अग्रसारित कर दी जाएगी ।
राजीव गांधी बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ अधिवक्ता रमाशंकर शर्मा एडवोकेट ने स्पेशल कोर्ट एमपी एमएलए माननीय अनुज कुमार सिंह की कोर्ट में 11 सितंबर 24 को बाद प्रस्तुत किया कि कंगना ने अगस्त 2020 से दिसंबर 2021 तक काले कानूनों के विरोध में धरना दे रहे किसानों के प्रति एक अभद्र टिप्पणी की थी कि वहां पर हत्या हो रही थी।
बलात्कार हो रहे थे और अगर देश का नेतृत्व उस समय मजबूत नहीं होता तो देश में बांग्लादेश जैसे हालात पैदा हो जाते । इसके साथ ही शर्मा ने अपने वाद में कंगना के द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के प्रति की गई टिप्पणी जिसमें कंगना ने कहा था कि गाल पर चांटा खाने से भीख मिलती है आजादी नहीं मिलती । तथा असली आजादी सन 2014 मिली है जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई है।इस तरह अपने वाद में रमाशंकर शर्मा ने कंगना के विरुद्ध राष्ट्रद्रोह एवं अपमान की धाराओं में बाद प्रस्तुत किया है।
कोर्ट ने पूर्व में नोटिस भेज कर 28 नवंबर 2024 के लिए कोर्ट ने कंगना को उनके दिल्ली एवं कुल्लू मनाली हिमाचल के पते पर दोनों जगह नोटिस भेजे थे जो कंगना को रिसीव हो चुके। लेकिन कंगना ना तो स्वयं कोर्ट में उपस्थित हुई और ना ही उनकी ओर से कोई अधिवक्ता पेश हुआ ।
इसलिए कोर्ट ने पुनः एक मौका और देते हुए कंगना को नोटिस भेज कर अपना पक्ष रखने के लिए आदेशित किया है।